छत्तीसगढ़ विधानसभा मानसून सत्र में बेरोजगारों को गुमराह करने एवं आबकारी नीति के मुद्दे पर शिवरतन शर्मा ने मंत्रियो को घेरा..
भाटापारा-छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र का दूसरा दिन शुरुआत से ही हंगामेदार रहा, विपक्ष ने प्रश्नोत्तर काल के दौरान हंगामा किया। विपक्ष ने बेरोजगारी के मुद्दे पर सरकार को घेरा। बेरोजगारी के आंकड़ों में अंतर को लेकर शिवरतन शर्मा ने सरकार से सवाल पूछे। रोजगार के विज्ञापन और दिए गए रोजगार के आंकड़ों में अंतर को लेकर कई सवाल दागे।
भाजपा विधायक शिवरतन शर्मा ने कहा कि छत्तीसगढ़ के बेरोजगारों को गुमराह किया जा रहा है,,वर्ष 2022-23 में जो आंकड़े सरकार ने पेश किए हैं उसमे काफी विरोधाभास है, उसे कैसे स्वीकार किया जा सकता है। इसी तरह भाजपा विधायक शिवरतन शर्मा ने कहा कि 22154 पदों के लिए निकाले गए विज्ञापन में 33348 लोगो को कैसे नियुक्ति दे दी गई। उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल ने विपक्ष के सवालों का जवाब देने का प्रयास किया परंतु विपक्ष इसे गलत बयानी कहते हुए सदन में हंगामा करने लगे और मंत्री के जवाब से असंतुष्ट होकर सदन से वकआउट कर दिया।
*आबकारी नीति को लेकर प्रश्न*
इसी तरह विधायक शिवरतन शर्मा ने आबकारी नीति को लेकर प्रश्न पूछा कि विशेष आबकारी शुल्क में कितने का कलेक्शन हुआ ? गौठान, शिक्षा, स्वास्थ्य के लिए कलेक्शन की राशि का कितना रुपया विभागो को भेजा गया है? जवाब में मंत्री कवासी लखमा ने बताया – 1059 करोड़ गौठान में गया है, शिक्षा विभाग में 558 करोड़ दिया गया है।
विपक्ष का आरोप पैसे विभागों में नहीं दिए गए और उसका दुरुपयोग किया गया है। शिवरतन ने पूछा कि शराब बंदी के लिए 03 समितियों के गठन का कार्यकाल कितने समय के लिए निर्धारित किया था, कितना समय बढ़ाया गया और कब कब रिपोर्ट सौंपी गई? जवाब में मंत्री कवासी लखमा ने बताया कि कमेटी में भाजपा से सदस्यों के नाम मांगे गये थे, लेकिन उन्होंने नहीं दिया, जिसकी वजह से देरी हुई है।
मंत्री के जवाब पर विपक्ष ने कहा कि आपने जब गंगा जल लेकर शराबबंदी करने की कसम खाई थी (घोषणा पत्र बनाया था) तब भाजपा से पूछा था क्या? जिसके बाद सत्ता पक्ष और विपक्ष में नोंकझोंक शुरू हो गयी। इस मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी के विधायक हंगामा कर, शराब बंदी का नारा लगाना शुरू कर दिए..
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