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सहकारी समिति के प्रबंधकों की हड़ताल, अन्नदाता परेशान : किसानों को नहीं मिल रहा लोन, खाद , ऑनलाइन होना है काम, लेकिन अंगूठा और OTP हड़ताली कर्मियों के पास पीडीएस सिस्टम भी ढप्प

तीन सूत्रीय मांग को लेकर विगत 1 जून से जिले के 127 सहकारी समिति के प्रबंधक  विक्रेता हड़ताल पर हैं. जिससे किसानों को खासा परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. दरअसल, खाद बीज और नगद ऋण देने से पहले समिति प्रबंधकों के मोबाइल में ओटीपी जाता है. जिसके बाद किसानों को लोन मिलता है. लेकिन प्रबंधको के हड़ताल पर जाने से किसानों को लोन नहीं मिल पा रहा है. हड़ताल के 10वें दिन विकल्प के रूप में लगाई गई ड्यूटी किसानों के लिए केवल खाना पूर्ति साबित हो रही है. जिले में अब भी 35 फीसदी किसानों को ऋण देना बाकी है. प्रबंधको का दावा है कि हड़ताल जारी रही तो 20 हजार से ज्यादा किसान योजना से वंचित हो जाएंगे
ऑनलाइन होना है काम, अंगूठा और ओटीपी हड़ताली कर्मियो के पास
अटके पड़े ऋण वितरण के काम को गति देने के उद्देश्य से प्रशासन ने जो वैकल्पिक व्यवस्था करने का दावा किया है, वह महज खानापूर्ति साबित होती दिख रही है. खाद बीज और नगद वितरण ऑनलाइन पोर्टल से हो रहा है. हर समिति के पोर्टल की ओटीपी और पोज मशीन में लगाए जाना वाला अंगूठा हड़ताल में गए प्रबंधक के पास है. जिसे बदलने के लिए भी लंबी प्रक्रिया से गुजरना होगा. ऐसे में आज केवल दफ्तर खोल कर प्रभारियों ने खानापूर्ति कर दी है. इस व्यवस्था से किसानों की समस्या में कमी नहीं आई है. राशन दुकानों में राशन वितरण का काम बस हो सका है.
50 फीसदी किसान हो रहे प्रभावित

सहकारी समिति कर्मी संघ के जिला अध्यक्ष  ने दावा किया है को जिले भर में अब भी ऋण की पात्रता रखने वाले 50 फीसदी किसान जिनकी संख्या 20 हजार से ज्यादा हैं. उन्हें अब तक ऋण योजना का लाभ नहीं मिला है. ऑनलाइन प्रक्रिया का हवाला देकर  भी कहा क प्रशासन की वैकल्पिक व्यवस्था भी काम नहीं आयेगा. यादव ने कहा की बात चीत के लिए शुक्रवार को राजधानी बुलाया गया गया है. हमारी मांगे मानी गई तो हम काम पर लौट जाएंगे.

बातचीत से रास्ता निकालने की तैयारी

मामले में सहकारिता के जिला अधिकारी  ने भी माना की वैकल्पिक व्यवस्था से केवल दफ्तर खोले जा सकते हैं. किसान योजना से वंचित न हो जाएं इसलिए प्रधान कार्यलय और साशन स्तर पर बातचीत की पहल की गई है. उम्मीद है कि बातचीत में कोई रास्ता निकल कर आएगा.

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