नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने आगे कहा, 24 तारीख तक सत्र चलाने की सहमति बनी थी. लोकतंत्र और विधायिका का सम्मान होना चाहिए. आज हम लोगों ने बड़े दुखी मन से सत्र के समापन का बहिष्कार किया.
वहीं पूर्व मंत्री ने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा, इस सरकार के ऊपर कोई विश्वास नहीं करने वाला है. सरकार को समझ में आ गया कि, जनता ने इन्हें हटाने का निर्णय ले लिया है. आज सदन में जो परिस्थितियां पैदा हुई हैं, पहली बात तो बजट सत्र इतना छोटा पिछले 22 सालों में कभी नहीं हुआ और बजट सत्र 13-14 दिनों का बुलाने के बाद भी सत्र के दौरान पानी और ओले गिरने फसल बर्बाद हुई उस पर चर्चा नहीं हो पाई. कानून व्यवस्था पर चर्चा नहीं हो पाई. बैठक में तय हुआ था कि, 24 तारीख तक बजट सत्र चलेगा और उसे 1 दिन पहले समाप्त किया गया. उसके कारण हमने समापन समारोह का बहिष्कार किया.
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