इस साल पंजीकृत रकबे में और वृद्धि अनुमानित है. राज्य में इस साल धान के फसल की बेहतर स्थिति को देखते हुए बीते वर्ष की तुलना में ज्यादा खरीदी का अनुमान है. वर्ष 2018-19 में 80.38 लाख मीट्रिक टन, वर्ष 2019-20 में 83.94 लाख मीट्रिक टन, वर्ष 2020-21 में 92.02 लाख मीटरिक टन तथा वर्ष 2021-22 में 98 लाख मीटरिक टन धान की रिकॉर्ड खरीदी हुई है.
सरकार की गांव, गरीब, किसान, व्यापार और उद्योग हितैषी नीतियों से समाज के सभी वर्गों में खुशहाली है. छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा धान और तेंदूपत्ता की देश में सबसे अधिक कीमत पर खरीदी, किसानों की कर्ज माफी, सिंचाई कर की माफी, सुराजी गांव योजना, राजीव गांधी किसान न्याय योजना और गोधन न्याय योजना के जरिए राज्य के ग्रामीण अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए अब तक एक लाख करोड़ रूपए से अधिक की राशि सीधे ग्रामीणों, किसानों, पशुपालकों और लघु वनोपज संग्राहकों के बैंक खाते में पहुंचा चुकी है, यही वजह है कि छत्तीसगढ़ के बाजारों में लगातार रौनक बनी हुई है. यहां व्यापार-व्यवसाय की स्थिति अन्य राज्यों की तुलना में बेहतर है.
छत्तीसगढ़ राज्य देश का इकलौता राज्य है, जहां समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के साथ-साथ खरीफ की सभी प्रमुख फसलों के उत्पादक किसानों को प्रति एकड़ के मान से 9 से 10 हजार रूपए की इनपुट सब्सिडी दी जा रही है. छत्तीसगढ़ राज्य में किसान की बेहतरी सरकार की सर्वाेच्च प्राथमिकता है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्य के 17.82 लाख किसानों पर बकाया 9270 हजार करोड़ रूपए का कृषि ऋण माफ, 325 करोड़ रूपए का सिंचाई कर तथा 5 लाख से अधिक किसानों को निःशुल्क एवं रियायती दर पर बिजली उपलब्ध कराकर सालाना लगभग 900 करोड़ रूपए की राहत दी है.
राजीव गांधी किसान न्याय योजना से राज्य में फसल उत्पादकता एवं फसल विविधिकरण को बढ़ावा मिला है. इस योजना के जरिए किसानों को इनपुट सब्सिडी देकर कृषि लागत में मदद की जा रही है. बीते दो सालों में इस योजना के तहत 14,665 करोड़ रूपए की सीधी मदद किसानों को दी गई है. इस योजना से लाभान्वित होने वालों में किसानों में से 90 प्रतिशत लघु सीमांत कृषक अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति पिछड़ा वर्ग एवं गरीब तबके के है.
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