मानसून सत्र में गूंजा कर्मचारियों की हड़ताल का मुद्दा, शिवरतन शर्मा ने उठाया सवाल साथ ही मूकबधिर की हत्या का मामला
भाटापारा-छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र का चौथा दिन काफी हंगामेदार रहा. सोमवार को सदन में सरकारी कर्मचारियों के आंदोलन का मामला गूंजा. बीजेपी विधायक शिवरतन शर्मा ने कहा कि प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों के 05 दिनों की हड़ताल शुरू है. सुबह से स्कूल बंद है. सरकारी कार्यालय बंद हैं. सभी विभागों के शासकीय कार्यालयों में ताला लगा हुआ है. ऐसे में जनता अपने काम के लिए भटक रही है, उन्हें पता नहीं कि सरकार और कर्मचारियों के बीच का मामला क्या है. लोग कार्यालय पहुंचे तो दफ्तर में ताला लटका मिला. विधायक शर्मा ने कहा कि डीए और अन्य मांगों को लेकर छत्तीसगढ़ के कर्मचारियों से सरकार ने वादाखिलाफी की. घोषणा पत्र में जो वादे किए गए थे एक भी पूरे नहीं किए गए. हमने इस मामले में स्थगन लाया है आप चर्चा कराएं. शिवरतन शर्मा सहित विपक्ष ने इस मामले में सभी कामों को रोककर चर्चा करना चाह रहा था ,लेकिन आसंदी ने विपक्ष की मांग को खारिज कर दिया।
विधायक शिवरतन शर्मा ने विधानसभा के शून्य काल में चर्चा करते हुए कहा कि आज प्रदेश में लगभग 01 लाख शिक्षक प्रदर्शन कर रहे है,उनके प्रदर्शन का मूल कारण यह ही कि राज्य सरकार ने अपने जनघोषणा पत्र में उनके जो वेतन विसंगति को दूर करने का वादा किया था। वर्ष 2021 में भी शिक्षक हड़ताल में गए थे। लगभग 18 दिन हड़ताल चली थी,और बाद में मुख्यमंत्री से वार्ता के पश्चात पिंगुआ समिति का गठन किया गया था.समिति गठन करकर 3 माह में वेतन विसंगति दूर करने का आश्वासन दिया गया था।समिति को 3 माह में रिपोर्ट देनी थी उस समिति को गठित किये 8 से 10 माह हो गए समिति की आज तक रिपोर्ट नही आई.वेतन विसंगति के चलते हजारों करोडो रुपये का नुकसान शिक्षकों की उठाना पड़ रहा है,इसके चलते पूरे प्रदेश में शिक्षकों की हड़ताल है,।
शर्मा ने कहा कि जनघोषणा पत्र में दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी हो,सविंदा कर्मचारी हो,रोजगार सहायक हो,मितानिन हो,आंगनबाड़ी कार्यकर्ता हो सबके लिए इस सरकार ने व्यवस्था करने की बात की थ, सबको नियमित करने की बात की गई थी। सरकार की पौने चार साल पूर्ण हो गया पर कही कुछ नही किया गया..
विधायक शर्मा सहित विपक्ष के विधायकों ने आरोप लगाया कि कर्मचारियों के साथ सरकार ने वादाखिलाफी की है उनकी मांगों को गंभीरता से नहीं ले रही है कर्मचारियों की मांग को विपक्ष ने समर्थन किया है। भाजपा विधायकों ने कर्मचारियों की हड़ताल से कामकाज ठप होने पर नाराजगी जताई है। बता दें कि इस मानसून सत्र में यह दूसरी बार है जब कर्मचारियों और शिक्षकों का मामला सदन में गूंजा है। इससे पहले सहायक शिक्षकों का वेतन विसंगति का मामला भी विधानसभा में गूंजा था और विपक्ष ने इस मुद्दे को लेकर काम रोको प्रस्ताव की मांग की थी लेकिन उस वक्त भी आसंदी ने इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया था जिसके बाद 10 मिनट के लिए कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी थी।
*इसके अलावा सदन में* राजधानी में बिगड़ती कानून व्यवस्था का मामला उठाया गया।बता दें बीते दिनों हुए मूकबधिर युवक की हत्या का मामला सदन में गूंजा। भाजपा विधायक शिवतरन शर्मा ने सदन में इस मामले की जानकारी दी। शिवरतन शर्मा ने मामले में स्थगन प्रस्ताव लाने की जानकारी दी।
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