Hindu Calendar Vikram Samvat 2079: 2 अप्रैल, शनिवार से चैत्र नवरात्रि शुरू होने जा रहे हैं और इसी के साथ नया हिंदू वर्ष नवसंवत्सर 2079 भी आरंभ हो जाएगा। हर वर्ष चैत्र प्रतिपदा शुक्ल पक्ष को हिंदू नववर्ष प्रारंभ होता है। चैत्र का महीना हिंदू नववर्ष का पहला महीना होता है। वैदिक पंचांग की गणना के अनुसार इस नव संवत्सर 2079 का नाम नल होगा जिसके स्वामी शुक्रदेव होते हैं। इस नवसंवत्सर के राजा शनि और मंत्री गुरु होंगे। दरअसल प्रत्येक हिंदू नववर्ष के आरंभ होने पर नव संवत्सर का अपना नाम होता है जैसे कि इस बार नल है और वहीं इसके राजा, मंत्री और कई मंत्री मंडल के अलग-अलग सदस्य होते हैं। इस बार विक्रम संवत 2079 की शुरुआत बहुत ही दुर्लभ और विशिष्ट संयोग में होने जा रहा है। जिसके कारण इसका काफी महत्व बढ़ गया है। आइए जानते हैं इस नवसंवत्सर का महत्व और इसमें भाग्योदय होने वाली तीन राशियां कौन-कौन सी हैं।
हिंदू नववर्ष पर 1500 साल बाद ग्रहों का दुर्लभ संयोग
चैत्र शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से नया हिंदू नव संवत्सर की शुरुआत होने जा रही है। वैदिक ज्योतिष गणना के आधार पर इस बार 1500 साल बाद कई दुर्लभ संयोग बन रहा है। हिंदू नववर्ष पर मंगल ग्रह अपनी उच्च राशि यानी मकर राशि में, राहु-केतु 18 महीने बार राशि परिवर्तन अपनी उच्च राशि में करेंगे। इसके अलावा शनिदेव जो इस हिंदू नववर्ष के राजा हैं वह अपनी स्वराशि मकर में मौजूद हैं। इसके अलावा हिंदू नववर्ष के दिन रेवती नक्षत्र और तीन राजयोग भी विराजमान होंगे। ऐसे में ज्योतिषीय नजरिए से नव संवत्सर 2079 का महत्व काफी बढ़ गया है।
चैत्र शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से नया हिंदू नव संवत्सर की शुरुआत होने जा रही है। वैदिक ज्योतिष गणना के आधार पर इस बार 1500 साल बाद कई दुर्लभ संयोग बन रहा है। हिंदू नववर्ष पर मंगल ग्रह अपनी उच्च राशि यानी मकर राशि में, राहु-केतु 18 महीने बार राशि परिवर्तन अपनी उच्च राशि में करेंगे। इसके अलावा शनिदेव जो इस हिंदू नववर्ष के राजा हैं वह अपनी स्वराशि मकर में मौजूद हैं। इसके अलावा हिंदू नववर्ष के दिन रेवती नक्षत्र और तीन राजयोग भी विराजमान होंगे। ऐसे में ज्योतिषीय नजरिए से नव संवत्सर 2079 का महत्व काफी बढ़ गया है।
सभी 9 ग्रहों के राशि परिवर्तन का दुर्लभ संयोग
अंग्रेजी कैलेंडर के अप्रैल के महीने में नया हिंदू नववर्ष आरंभ होगा। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस बार अप्रैल के महीने में सभी 9 ग्रहों का राशि परिवर्तन का अनोखा और दुर्लभ संयोग सैकड़ों वर्षो बाद बन रहा है। 7 अप्रैल को मंगल ग्रह का राशि परिवर्तन होगा। 8 अप्रैल को बुध ग्रह मीन से मेष राशि में आ जाएंगे। 12 अप्रैल को राहु मेष राशि में और केतु तुला राशि में प्रवेश करेंगे। इसके बाद 13 अप्रैल को गुरु ग्रह कुंभ राशि से स्वयं की राशि मीन में प्रवेश करेंगे। 14 अप्रैल को सूर्य मीन राशि की अपनी यात्रा को छोड़कर मेष राशि में प्रवेश कर जाएंगे। 27 अप्रैल को शुक्र कुंभ राशि में आ जाएंगे और 29 अप्रैल को शनि मकर से कुंभ राशि में गोचर करेंगे। वहीं चंद्रमा करीब हर ढाई दिनों में राशि बदल लेते हैं।
अंग्रेजी कैलेंडर के अप्रैल के महीने में नया हिंदू नववर्ष आरंभ होगा। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस बार अप्रैल के महीने में सभी 9 ग्रहों का राशि परिवर्तन का अनोखा और दुर्लभ संयोग सैकड़ों वर्षो बाद बन रहा है। 7 अप्रैल को मंगल ग्रह का राशि परिवर्तन होगा। 8 अप्रैल को बुध ग्रह मीन से मेष राशि में आ जाएंगे। 12 अप्रैल को राहु मेष राशि में और केतु तुला राशि में प्रवेश करेंगे। इसके बाद 13 अप्रैल को गुरु ग्रह कुंभ राशि से स्वयं की राशि मीन में प्रवेश करेंगे। 14 अप्रैल को सूर्य मीन राशि की अपनी यात्रा को छोड़कर मेष राशि में प्रवेश कर जाएंगे। 27 अप्रैल को शुक्र कुंभ राशि में आ जाएंगे और 29 अप्रैल को शनि मकर से कुंभ राशि में गोचर करेंगे। वहीं चंद्रमा करीब हर ढाई दिनों में राशि बदल लेते हैं।
नव संवत्सर 2079 में इन राशियों को होगा भाग्योदय
अप्रैल के महीने में शनि, राहु-केतु और गुरु समेत सभी ग्रह राशि बदलेंगे। शनि ढाई वर्षों बाद, गुरु 13 महीनों के बाद और राहु-केतु 18 माह बाद राशि परिवर्तन करेंगे जिसकी वजह से तीन राशि के जातकों का भाग्योदय होने के संकेत है। शनि 29 अप्रैल 2022 को मकर राशि की अपनी यात्रा को मिविराम देते हुए कुंभ राशि में प्रवेश कर जाएंगे। इस राशि में शनि का गोचर करते ही धनु राशि वालों पर चल रही साढ़ेसाती से मुक्ति मिल जाएगी। साथ ही मिथुन और तुला राशि वालों को शनि की ढैय्या से मुक्ति मिलेगी। ऐसे में धनु, तुला और मिथुन राशि के जातकों का भाग्योदय होगा। बाधाएं सामाप्त होंगी और हर एक कार्य में सफलताएं प्राप्त होने लगेगी। तरक्की के नए-नए रास्ते दिखाई देने लगेगी। आमदनी में इजाफा होने के कारण आर्थिक स्थिति अच्छी होती चली जाएगी। रोगों से मुक्ति मिलेगी और मन प्रसन्न रहने लगेगा।
अप्रैल के महीने में शनि, राहु-केतु और गुरु समेत सभी ग्रह राशि बदलेंगे। शनि ढाई वर्षों बाद, गुरु 13 महीनों के बाद और राहु-केतु 18 माह बाद राशि परिवर्तन करेंगे जिसकी वजह से तीन राशि के जातकों का भाग्योदय होने के संकेत है। शनि 29 अप्रैल 2022 को मकर राशि की अपनी यात्रा को मिविराम देते हुए कुंभ राशि में प्रवेश कर जाएंगे। इस राशि में शनि का गोचर करते ही धनु राशि वालों पर चल रही साढ़ेसाती से मुक्ति मिल जाएगी। साथ ही मिथुन और तुला राशि वालों को शनि की ढैय्या से मुक्ति मिलेगी। ऐसे में धनु, तुला और मिथुन राशि के जातकों का भाग्योदय होगा। बाधाएं सामाप्त होंगी और हर एक कार्य में सफलताएं प्राप्त होने लगेगी। तरक्की के नए-नए रास्ते दिखाई देने लगेगी। आमदनी में इजाफा होने के कारण आर्थिक स्थिति अच्छी होती चली जाएगी। रोगों से मुक्ति मिलेगी और मन प्रसन्न रहने लगेगा।
0 Comments