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सहकारी समिति कर्मचारी संघ 6 दिनों से हड़ताल पर, कर्मचारी संघ के हड़ताल पर चल जाने से खाद्यान्य वितरण सहित पंजीयन का काम हो रहा प्रभावित।


 बलौदाबाजार :::प्रदेशभर में 1 दिसम्बर से समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी की शुरू होगी। लेकिन इसके लिए समितियों में अब तक कोई तैयारी नहीं हो पाई है। इसका मुख्य कारण समितियों के संचालको और कर्मचारियों का अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाना है। प्रदेशभर के सहकारी कर्मचारी पिछले 8 नवम्बर से हड़ताल पर है। इसके चलते सोसायटियों में न ही खाद्य वितरण, खाद्यान्न वितरण सहित अन्य प्रकार का काम प्रभावित है। वही, पंजीयन दिनांक 17 तारीख तक बढ़ाये जाने से छुटे हुए किसानों का पंजीयन काम प्रभावित हो रहा है। अगले 16 दिनो बाद समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी शुरू होनी है, लेकिन तैयारियों के नाम पर कुछ भी नहीं हो पाया है। सहकारी समिति के पदाधिकारियों का कहना है इस बार सोसाइटी के कर्मचारी जब तक मांगे पूरी नहीं होती लड़ाई जारी रहेगी।  भाटापारा निपनिया शाखा के अंतर्गत सभी सोसायटी में ताला बंद है लवन शाखा अन्तर्गत उपार्जन केन्द्र तिल्दा, बरदा, खैरा, सिरियाडीह, कोयदा, कोहरौद, सरखोर, अहिल्दा, लवन, मुण्डा, भालूकोना  लेवाई सिंगारपुर निपनिया खैरा केसला धनेली पाटन तरेंगा खोखली धुर्राबँधा टेहका सोसाइटी है, इन सभी सोसाइटियों में 150 कर्मचारी कर्मचारी कार्यरत है। सहकारी समिति जिला संघ बलौदाबाजार एवं प्रांतीय संगठन के कार्यकारिणी सदस्य रामकुमार साहू ने बताया कि हमारी शासन से 5 सूत्री मांगे लंबित है। इस कारण बाध्य होकर आंदोलन का सहारा लेना पड़ा। हमारी प्रमुख मांगे धान खरीदी में सुखत की समस्या एवं अतिरिक्त खर्च की राशि को समिति को वापस की जाये, जिला सहकारी बैंक में खाली रिक्त पद पर 100 प्रतिशत सविलियन की जाये, अन्य शासकीय विभाग के सरकारी कर्मचारी की भांति सभी कर्मचारियों को सुविधा मुहैया दी जाये,
 
धान खरीदी 2021-22 में आवश्यक नीति में संशोधन की जाये, राज्य सरकार द्वारा किये गये घोषणा पत्र में 200 करोड़ का अनुदान प्रदान करना। उपरोक्त इन 5 मांगों को पूरा नहीं किए जाने पर धान खरीदी का बहिष्कार किया जायेगा। जिसकी जवाबदारी छत्तीसगढ़ शासन की होगी। सभी कर्मचारियों के हड़ताल में चले जाने से 1 दिसम्बर को होने वाली धान खरीदी का काम निश्चित तौर पर प्रभावित होगा। किसानों को धान बेचने के लिए भटकना पड़ सकता है।

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