बलौदाबाजार बिलासपुर। तीन अधिक शासकीय राशन दुकान संचालित करने पर खाद्य नियंत्रक ने दुकानों को समर्पण करने का निर्देश दिया था. मामले में दायर की गई याचिका पर हाईकोर्ट ने संचालक को राहत प्रदान करते हुए स्थगन देते हुए शासन से जवाब तलब किया है.
गरियाबंद जिले की चार समितियों –
आदिम जाति सेवा सहकारी समिति मर्यादित अमलिपदार,
सहकारी विप्रण एवं प्रक्रिया समिति मर्यादित – बिंद्रानवागढ़,,
आदिम जाति सेवा सहकारी समिति मर्यादित – कणदेकेला
और दी किसान सहकारी विप्रण संस्था मर्यादित – देवभोग
की ओर से अधिवक्ता अंजिनेश अंजय शुक्ला के माध्यम से याचिका प्रस्तुत की गई थी. बताया कि गरियाबंद खाद्य नियंत्रक ने 3 से अधिक शासकीय उचित मूल्य की दुकान संचालन करने वाली सहकारी समितियों को दुकान समर्पण करने के लिए निर्देशित किया है. अधिवक्ता ने बताया कि विभाग को संचालकों ने बताया कि लगभग 3 दशक पहले उचित मूल्य दुकानें आबंटित की गई थी, वहीं तत्कालीन प्रावधान छत्तीसगढ़ (खाद्य पदार्थ ) सार्वजनिक नागरिक पूर्ति वितरण 2001 में कहीं भी किसी एजेंसी को तीन से अधिक दुकानें नहीं दिए जाने का जिक्र नहीं है.
अधिवक्ता अंजिनेश अंजय शुक्ला ने कोर्ट को बताया कि जिले में बड़ी संख्या में सेल्समैन पीडीएस दुकानों में कार्यकर हैं, जो उनकी आजीविका का एकमात्र साधन है. अगर इस आदेश पर रोक नहीं लगाई जाती है तो सेल्समैन और उनके परिवार को क्षति होगी, जो भारतीय संविधान के अनुच्छेद 19 (1) (छ) का उल्लंघन होगा. याचिका को स्वीकार कर जस्टिस गौतम भादुड़ी की एकल पीठ ने खाद्य नियंत्रक के निर्देश पर रोक लगाते हुए समितियों राहत प्रदान की है.
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