मंत्रोच्चार के बीच मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने धर्मपत्नी श्रीमती मुक्तेश्वरी बघेल और परिवार के सदस्यों के साथ कार्यक्रम में शामिल होकर भगवान शिव, नांदिया बैला और चुकियां-पोरा की पूजा अर्चना कर प्रदेश की सुख-समृद्धि और खुशहाली की कामना की। उन्होंने इस अवसर पर सभी माताओं और बहनों को त्यौहार की बधाई और शुभकामनाएं दी। राऊत नाच दल और छत्तीसगढ़ी लोक कलाकारों के दल ने छत्तीसगढ़ी गीत संगीत से अनोखा शमां बंधा। मुख्यमंत्री निवास में लोगों के लिए छत्तीसगढ़ी व्यंजनों की व्यवस्था की गई थी।
स्वास्थ्य एवं पंचायत एवं ग्रामीण मंत्री श्री टी.एस. सिंहदेव, महिला एवं बाल विकासमंत्री श्रीमती अनिला भेंडिया, उद्योग मंत्री श्री कवासी लखमा, वनमंत्री श्री मोहम्मद अकबर, राजस्व मंत्री श्री जयसिंह अग्रवाल, लोकसभा सांसद श्रीमती ज्योत्सना महंत, राज्यसभा सांसद श्रीमती छाया वर्मा, श्रीमती फूलोदेवी नेताम, संसदीय सचिव श्री चिंतामणि महाराज, श्री विकास उपाध्याय, श्रीमती रश्मि सिंह, सुश्री शकुंतला साहू, श्री विनोद सेवनलाल चंद्राकर, विधायक श्री अरुण वोरा, श्रीमती उत्तरी जांगड़े, श्रीमती संगीता सिन्हा, श्री मोहितराम केरकेट्टा, महिला आयोग की अध्यक्ष श्रीमती किरणमयी नायक, पूर्व विधायक श्रीमती प्रतिमा चंद्राकर, राज्य खनिज विकास निगम के अध्यक्ष श्री गिरीश देवांगन, राष्ट्रीय प्रवक्ता सुश्री अलका लांबा, डॉ. रागिनी नायक सहित अनेक जनप्रतिनिधि, और बड़ी संख्या में महिलाएं उपस्थित थीं।
तीजा-पोरा तिहार कार्यक्रम के लिए पूरे मुख्यमंत्री निवास की पारम्परिक रूप में भव्य सजावट की गई है । कार्यक्रम प्रांगण को तीजा-पोरा पर्व सहित छत्तीसगढ़ी ग्रामीण संस्कृति और जन-जीवन के प्रतीकों से सुसज्जित किया गया है। कार्यक्रम स्थल के 3 द्वार बनाये गए हैं । मुख्य द्वार को पोरा पर्व के पारंपरिक नांदिया बैला से सजाया गया है। मुख्य द्वार के सामने पारम्परिक झूले- रईचुल, बैला-गाड़ी, बस्तर जनजातीय आर्ट और छत्तीसगढ़ी जन-जीवन से जुड़े चित्रों का मनमोहक प्रदर्शन किया गया है। मध्य द्वार को विशेष रूप से डिज़ाइन किया गया है, इसे पोरा पर्व से जुड़े पारम्परिक बर्तनों से बनाया गया है । मध्य और तीसरे द्वार के बीच की गैलरी को रंग-बिरंगे मटकों और रंगीन टोकनी के द्वारा आकर्षक कलेवर दिया गया है ।
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