कलेक्टरों को प्रेषित पत्र में कहा गया है कि कोविड-19 एक अभूतपूर्व आपदा है. पिछले डेढ वर्षों से वायरस के नए वेरिएंट के प्रभाव से मृतकों की संख्या में वृद्धि जारी है। यह महत्वपूर्ण है कि राज्य में विशिष्ट आपदाओं के लिए समय पर और प्रभावी प्रतिक्रिया के लिए राज्य आपदा मोचन निधि के तहत पर्याप्त निधि उपलब्ध हो। यद्यपि कोविड-19 से मृत व्यक्तियों के परिजनों को अनुदान सहायता राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 में निहित प्रावधान के अनुसार प्रदान नहीं की जाएगी।
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा कोविड-19 से मृत प्रति व्यक्ति के लिए 50,000 रुपये (पचास हजार) निर्धारित किए हैं जो अनुदान सहायता राशि राज्य आपदा मोचन निधि के अंतर्गत प्रदान की जाएगी।
संचालक स्वास्थ्य सेवाएं छत्तीसगढ़ से प्राप्त जानकारी के अनुसार कोविड-19 से 22 सितंबर 2021 तक प्रदेश में कुल 13 हजार 563 व्यक्तियों की मृत्यु दर्ज की गई है। संबंधित परिवार द्वारा निर्धारित आवेदन पत्र के माध्यम से अपने दावे प्रस्तुत करेंगे। आवेदक के पास सीडीएसी द्वारा जारी कोविड-19 से मृत्यु के संबंधित आधिकारिक प्रमाण-पत्र होना अनिवार्य है।
जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण तथा जिला प्रशासन की जिम्मेदारी है कि वे मृत व्यक्तियों के निकटतम संबंधी/आवेदक को अनुदान राशि आधार लिंक्ड प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) की प्रक्रिया के माध्यम से भुगतान करें।
अनुदान सहायता प्रदान करने की प्रक्रिया सरल तथा आवश्यक दस्तावेज जमा करने के 30 दिनों के भीतर पूरी की जानी चाहिए। कलेक्टरों से कहा गया है कि अपने जिले में इसका प्रचार-प्रसार के माध्यम से नागरिकों को इस सहायता के बारे में जागरूक करें तथा दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित की जाए। यह उपयुक्त होगा कि प्रत्येक तहसील कार्यालय तथा जिला कार्यालय में कार्यालयीन समय, सहित नगर निगम क्षेत्र के जोन मुख्यालय में भी आवेदन प्राप्त करने के लिए समुचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। प्राप्त सभी आवेदनों को कलेक्टर स्वयं की निगरानी में जांच एवं सत्यापन करना सुनिश्चित करेंगे।
कलेक्टरों को निर्देश दिए गए कि कोविड-19 से मृत व्यक्तियों से प्राप्त आवेदन पत्र के आधार पर मृत व्यक्तियों के परिजनों को अनुदान सहायता उपलब्ध कराने की कार्यवाही करें तथा आबंटन हेतु मांग पत्र राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग को शीघ्र भेजना सुनिश्चित करें।
फेडरेशन ने 14 सूत्रीय मांग में कोरोना से दिवंगतों को 50 लाख अनुग्रह राशि की मांग की थीं-राज्य सरकार ने 50 हजार का आदेश जारी किया
छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन फेडरेशन ने 03 सिंतंबर को सामूहिक अवकाश लेकर प्रांतव्यापी कलम बंद आंदोलन कर प्रदेश में विगत् दो वर्षो में कोरोना से दिवंगत शासकीय सेवकों व प्रदेश के नागरिकों को अन्य राज्यों की भाॅति 50 लाख अनुदान राशि देने की मांग की थीं। किंतु राज्य सरकार आर्थिक संकट व कर्जाग्रस्त शासन होने के कारण कारोना दिवंगतों के आश्रितों को कोई अनुदान नहीं दे रही थीं। संपूर्ण प्रदेश में राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 के प्रावधानों के तहत 4 लाख अनुदान लेने के लिए कलेक्टर कार्यालयों में पिडि़त भटक रहे थे। तब छत्तीसगढ़ शासन राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग ने कोरोना दिवंगतों को राजस्व पुस्तक परिपत्र के तहत कोई अनुदान न देने का आदेश प्रसारित कर, अनुदान देने से इंकार कर दिया था।
अब सर्वोच्च न्यायालय में प्रस्ंतुत जनहित याचिका में केन्द्र सरकार व समस्त राज्य सरकारों को न्यूनतम् 50 हजार अनुग्रह राशि देने के निर्णय व निर्देश के परिपालन में छत्तीसगढ़ शासन ने भी 24 सितंबर शुक्रवार को 50 हजार अनुदान राशि भुगतान करने का आदेश जारी करते हुए पिडि़त परिजनों को आवश्यक दस्तावेज सहित 30 दिवस के भी कलेक्टर कार्यालय में आवेदन जमा करने का आदेश प्रसारित किया है।
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