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आज देशभर में गुरु पूर्णिमा (Guru Purnima) का पावन पर्व मनाया जा रहा है. गुरु पूर्णिमा को आषाढ़ी पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि यह आषाढ़ मास की पूर्णिमा तिथि को होता है.


आषाढ़ मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है 

गुरु पूर्णिमा

आषाढ़ मास की पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा (Guru Purnima) का पर्व मनाया जाया जाता है. इसे व्यास पूर्णिमा भी कहते हैं, क्योंकि इसी दिन महाभारत के रचयिता महर्षि वेदव्यास जी का जन्म हुआ था. इस साल यह पावन तिथि 23 जुलाई 2021 को प्रात:काल 10:43 ​बजे से आरंभ होकर 24 जुलाई 2021 की सुबह 08:06 बजे तक रहेगी.

Guru Purnima  के दिन लोग मंदिरों में देवों के गुरु बृहस्पति और भगवान विष्णु की आराधना करते हैं. वेदों का ज्ञान देने वाले और पुराणों के रचनाकार महर्षि वेद व्यास जी का जन्मदिन इस तिथि को ही पड़ता है.

इस गुरु पूर्णिमा पर आप भी अपने गुरुजनों को शुभकामना एवं बधाई संदेश भेजकर उनका आशीर्वाद ले सकते हैं और आभार प्रकट कर सकते 


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गुरु पूर्णिमा पर शनि देव की पूजा का बन रहा है 'विशेष संयोग'

इस बार गुरु पूर्णिमा खास है. इस बार गुरुदेव के साथ-साथ शनि देव को भी प्रसन्‍न करने का विशेष संयोग बना है. मान्यता है कि शनि की ढैय्या व साढ़े साती राशि वाले जातक पर भारी पड़ सकती है. इस बार गुरु पूर्णिमा पर शनि पूजा का ऐसा ही विशेष योग है. ऐसे में साढ़े साती झेल रहीं धनु, मकर और कुंभ और ढैय्या से प्रभावित मिथुन और तुला राशि के लोगों को शनिदेव की विशेष पूजा करनी चाहिए. आज गुरु के साथ शनिदेव की पूजा करने पर शनि साढ़े साती और ढैय्या से परेशान लोगों को विशेष लाभ मिलेगा.

गुरु पूर्णिमा पर करें भगवान विष्णु की अराधना

आज गुरु की पूजा की जाती है. इसके साथ ही आषाढ़ पूर्णिमा का व्रत रखने के साथ ही भक्त भगवान विष्णु की अराधना करते हैं और सत्यनारायण कथा का पाठ या श्रवण करते हैं. पूर्णिमा तिथि पर आज के दिन दान, तप और जप का विशेष महत्व होता है.

पूर्णिमा में बन रहे हैं विशेष संयोग

सुबह 9 बजकर 24 मिनट तक वैधृति योग रहेगा. इसके साथ ही दोपहर 2 बजकर 26 मिनट तक सभी कार्यों में सफलता प्रदान करने वाला रवि योग रहेगा. इसके आलावा दोपहर 2 बजकर 26 मिनट तक पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र रहेगा

गुरु पूर्णिमा 2021 पूजा विधि

  • इस दिन सुबह उठकर पवित्र नदी में स्नान करना चाहिए.

  • ऐसा करने से त्वचा रोग, दमा जैसी बीमारियों में लाभ होता है.

  • इस दिन भगवान विष्णु के वैदिक मंत्र का जाप करें, विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें, सभी मनोकामनाएं पूर्ण होंगी.

  • गुरु पूर्णिमा के दिन खीर के भोग और दान से मानसिक शांति मिलती है.

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