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सहकारी समिति के कर्मचारी संघ बलौदाबाजार कल होने वाले विधानसभा का घेराव में होंगें शामिल

छत्तीसगढ़ प्रदेश स्तरीय आव्हान पर सहकारी समिति शाखा निपनिया व भाटापारा के अन्तर्गत समिति के कर्मचारियों ने 24 जुलाई से अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी रखे हुए है। विदित हो कि पूरे प्रदेश के सहकारी कर्मचारी संघ के 2058 सहकारी समिति के 15000 कर्मचारी और अधिकारी हड़ताल पर पांच सुत्रीय मांगों को लेकर अनिश्चित कालीन हड़ताल जारी है। उक्त अनिश्चित कालीन हड़ताल जारी रहने से निपनिया व भाटापारा  सहित पूरे प्रदेश के उचित मूल्य की दुकानों पर ताला लगा हुआ है। ग्रामीण क्षेत्रों में राशन लेने ग्रामीणों को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है। सहकारी समिति का कामकाज पूरी तरह से बंद पड़ा हुआ है। सहकारी समिति कर्मचारी संघ के हड़ताल में चले जाने से खाद वितरण, राशन दुकान संचालन, प्रधानमंत्री फसल बीमा, राजीव गांधी न्याय योजना एवं नगद वितरण जैसे प्रमुख काम प्रभावित हो रहे है। उक्त हड़ताल की वजह से सोसायटियों काम-काज पूरी तरह से ठप हो गया है। समिति प्रबंधक शिव यादव तरेंगा   समिति प्रबंधक सुनील पाटकर व केशला समिति प्रबंधक सुखदेव सेन  बताया कि प्राथमिक कृषि साख समितियों के माध्यम से पूरे प्रदेश की जनकल्याणकारी योजनाएं जैसे समर्थन मूल्य पर धान खरीदी, सार्वजनिक वितरण प्रणाली, खाद, बीज, केसीसी ऋण सहित आदि का संचालन शत प्रतिशित किया जाता है। सहकारिता के माध्यम से किसानों की सेवा की जाती है। सभी सहकारी समितियां सहकारिता की रीड की हड्डी एवं सीढी है। सहकारी समितियों में 35-40 वर्षो से अल्प वेतन में पूर्ण निष्ठा लगाने ईमानदारी के साथ लगभग प्रदेश में 15000 से अधिक कर्मचारी सेवा दे रहे है, लेकिन चिंता का विषय है कि आज प्रदेश के 2058 समितियों के कर्मचारियों को सम्मान जनक वेतन तथा अन्य सुविधाएं नहीं मिल रही है। उक्त सभी कर्मचारियों का भविष्य अंधकार में है। सहकारी समितियों के कर्मचारी अपने भविष्य को लेकर काफी चिंतित है। समिति ने 24 जुलाई से हड़ताल शुरू किया और 27 जुलाई को रायपुर में विधानसभा का घेराव करेंगे।


 सहकारी समिति कर्मचारी संघ के आव्हान पर 5 सुत्रीय मांगों को लेकर सभी कर्मचारी, अधिकारी हड़ताल में चले गए है, मांगे है धान परिवहन देरी से होने के कारण धान में आ रही सुखत एवं अतिरिक्त खर्चो की राशि समितियों को वापस दिलाया जावे। प्रदेश 2058 सहकारी समितियों में कार्यरत कर्मचारियों को सातवें वेतन मान हेतु वेतन अनुदान, शासकीय कर्मचारी की भांति नियमित कर वेतनमान दिया जावे। 2018 के अनुसार प्रबधंक की भर्ती 50 प्रतिशत के स्थान पर 100 प्रतिशत समिति के संस्था प्रबंधकों को केडर प्रबंधक पद पर सिविलियन करते हुए बैंक के अन्य पदों पर 100 प्रतिशत समिति के कर्मचारियों को संविलियन के माध्यम से किया जावे। योग्यता तथा उम्र बंधन को शिथिल किया जावे।

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