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विधानसभा : पूर्ण शराबबंदी के लिए भाजपा विधायक शिवरतन शर्मा ने पेश किया अशासकीय संकल्प, पक्ष में महज 13 वोट पड़ने के साथ हुआ अस्वीकृत


विधानसभा : पूर्ण शराबबंदी के लिए भाजपा विधायक शिवरतन शर्मा ने पेश किया अशासकीय संकल्प, पक्ष में महज 13 वोट पड़ने के साथ हुआ अस्वीकृत*

भाटापारा-छत्तीशगढ़ विधानसभा सत्र के पांचवे दिन शुक्रवार को विधानसभा में बीजेपी विधायक शिवरतन शर्मा ने 1 जनवरी 2022 से पूर्ण शराबबंदी को लेकर अशासकीय संकल्प पेश किया.
चर्चा के बाद विपक्ष ने मत विभाजन मांगा. शराब बंदी पर लाये गए अशासकीय संकल्प के पक्ष में जहां 13 वोट पड़े, वहीं शराब बंदी ना हो इस पक्ष में 58 वोट पड़े. इसके साथ ही अशासकीय संकल्प अस्वीकृत हो गया.इससे सरकार की भूमिका स्पष्ट नजर आ रही है कि प्रदेश में शराब बंदी हो ये कांग्रेस के विधायक नही चाहते.. 
    इसके पहले चर्चा में  शिवरतन शर्मा ने कहा कि 2018 के चुनाव में कांग्रेस ने गंगा जल हाथों में लेकर शपथ लिया था कि राज्य में पूर्ण शराबबंदी लागू होगी.
शिवरतन शर्मा ने कहा कि नशे की वजह से राज्य में अपराध बढ़ा है. कांग्रेस ने जब घोषणा पत्र में पूर्ण शराबबंदी का वादा किया था तब ख़ासकर महिलाओं ने सोचा था कि अब कलह दूर होगी. झगड़े ख़त्म होंगे. आर्थिक कमजोरी दूर होगी. इससे पहले कई राज्यों में दलों ने चुनावी घोषणा पत्र में पूर्ण शराबबंदी का वादा किया था. जनता का समर्थन मिला और सरकार बनते ही वादा पूरा किया..
लेकिन छत्तीसगढ़ में ढाई साल बीत जाने के बाद भी वादा पूरा नही किया गया. छत्तीसगढ़ में 898 हत्या के प्रयास हुये है, दस हजार से ज़्यादा आत्महत्या हुई है. हर अपराध की पृष्ठभूमि में नशा है. पूरे प्रदेश में सरकारी संरक्षण में अवैध शराब की सप्लाई की जा रही है. प्रदेश में स्थिति क्या बन गई है. सैंया भये कोतवाल तो डर काहे का, ये कहावत चरितार्थ हो रही है.
विधायक शर्मा ने कहा सरकार का लक्ष्य साल में 5200 करोड़ रुपये अर्जित करना है. मेरा आरोप है कि सरकार के वैध-अवैध कमाई का सबसे बड़ा ज़रिया शराब है.. आने वाले दिनों में छत्तीसगढ़ उड़ता छत्तीसगढ़ बन जायेगा.

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