रायपुर. छत्तीसगढ़ में सहकारिता का सिस्टम व्यापक होने के बाद भी प्रबंधन में बहुत कमी और कमजोरी है। सरकार ने सहकारी क्षेत्र की व्यवस्था सुधारने के लिए कुछ जानकारियां मंगाईं, तो ये बात सामने आई है कि प्रदेश में 2050
सोसाइटियों में से केवल 259 में ही समिति प्रबंधक काम कर रहे हैं। बाकी सभी समितियों में प्रभारी या कम योग्यता वाले लोग काम कर रहे हैं। उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार इस स्थिति के मद्देनजर अब सरकार सोसाइटियों में प्रबंधकों के 1900 पदों पर नई भर्तियां करने की तैयारी में है।
प्रबंधकों के पद खाली, अब होगी भर्ती
प्रदेश में सहकारी समितियों की संख्या 2050 है, लेकिन इनमें से केवल 259 सोसाइटियों में समिति प्रबंधक काम कर रहे हैं। बाकी सभी समितियों में अन्य कर्मी प्रभारी प्रबंधक के रूप में काम कर रहे हैं। सहकारिता के जानकारों का दावा है कि प्रबंधकों के खाली पदों पर जो लोग काम कर रहे हैं, वे उस पद के योग्य नहीं हैं। यही कारण है कि सहकारिता से संबंधित काम प्रभावित हो रहे हैं। अब सरकार के सहकारिता विभाग ने समितियों को मजबूत करने के इरादे से समितियों के लिए करीब 1900 प्रबंधकों की नियुक्ति करने की तैयारी की है।
व्यापक आधार है सहकारिता का, लेकिन कमजोर
कृषि आधारित छत्तीसगढ़ में करीब 80 प्रतिशत लोग प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से कृषि पर आधारित जीवन जीते हैं। इनमें से अधिकतर लोग किसी न किसी माध्यम से सहकारिता से जुड़े हैं। प्रदेश में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान खरीदी, किसानों को खेती के लिए कर्ज देने, किसानों को बीज, खाद और कृषि की दवाइयां देने आदि का सारा काम सहकारी संस्थाओं के माध्यम से किया जाता है, लेकिन यह पूरा सिस्टम इस समय राज्य में कमजोर स्थिति में है, ऐसा माना जा रहा है।
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