हेडिंग-मंडीः 35 हजार कट्टा सड़क पर...!
-व्यवस्था चौपट, जिम्मेदारों ने साधी चुप्पी
भाटापारा-प्रांगण में लगभग 25 हजार कट्टा।सड़क पर ,सैकड़ा से ऊपर ट्रक- ट्रैक्टर में भरा लगभग 35 हजार कट्टा धान।मुख्य द्वार पर कड़ा पहरा। यह सब उस कृषि उपज मंडी का दृश्य है, जो शुक्रवार सुबह 8 बजे के आसपास देखा गया। प्रवेश की अनुमति कब मिलेगी? जैसे सवाल न ही पूछें तो बेहतर होगा।
समय का बंधन। दो दिन का अवकाश। उपर से लचर और सुस्त व्यवस्था ने वो दृश्य दिखाया, जिसने यह पूछने पर विवश कर दिया कि आखिर ऐसी अव्यवस्था का सामना कब तक किया जाता रहेगा? लेकिन हमेशा की तरह जवाब नही मिले।लॉकडाउन के बाद खुली कृषि उपज मंडी पहले दिन से ही अव्यवस्था के बीच चल रही है। नियंत्रण के लिए पूरी व्यवस्था काम करती है लेकिन कहां हैं ये लोग?
लॉकडाउन के बाद लगातार
42 दिन के लंबे लॉकडाउन के बाद खुली कृषि उपज मंडी का पहला ही दिन उस व्यवस्था की पोल खोल गया जिसमें दावा किया जा रहा था कि इस व्यवस्था से कहीं कोई परेशानी नही होगी। सुबह 6 बजे से दोपहर 2 बजे तक कार्य अवधि ने इस भारी-भरकम मंडी को जमीन पर ला दिया। रबी फसल की लगातार आवक के बाद व्यवस्था जैसी बदली जानी चाहिए थी,वैसा काम दिखाई नही दिया। परिणाम आज सभी के सामने है
मंडी के भीतर और बाहर
दो दिन के अवकाश के बाद शुक्रवार को खुली कृषि उपज मंडी में सुबह पांच बजे गाड़ियों का पहुंचना जो शुरू हुआ वह 10 बजे तक जारी रहा। गेट खोले जाने थे लेकिन नही खोले गए।फलस्वरूप बाहर लगभग सैकड़ा से उपर ट्रक,ट्रेक्टर और पिकअप, रबी फसल लेकर पहुंची।इनमें लगभग 35 हजार कट्टा धान के भरे होने की जानकारी मिल रही है। जबकि मंडी प्रांगण में लगभग 25 हजार कट्टा धान जाम पड़ा हुआ है।
भरपूर आवक की वजह से काम में बाधा आ रही है। कुछ समय जरूर लगेगा लेकिन इसे दुरूस्त कर लिया जाएगा।
- कलम से .........एस.के.चवरे,
सचिव,
;;;;कृषि उपज मंडी, भाटापारा
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