अपनी पिछली समीक्षा के उपरांत जिला दंडाधिकारी ने यह पाया है कि सख्ती की शुरुआत पहले ग्रामीण क्षेत्र से किए जाने से सीधा संदेश, शहर तक जाएगा कि यदि समय रहते दिनचर्या या कार्यशैली में गाइडलाइन का पालन नहीं किए जाने का परिणाम क्या हो सकता है? यह भी जानकारी मिली है कि ग्रामीण क्षेत्र के हाट-बाजार बढ़ते संक्रमण का संभावित केंद्र बन सकते हैं। इसलिए सबसे पहले इसे ही लक्ष्य बनाया गया। प्रतिबंध के बाद कोरोना के बढ़ते कदम से ग्रामीण क्षेत्र को सुरक्षित रखा जा सकेगा।
इनको दी जिम्मेदारी
जिला दंडाधिकारी ने साप्ताहिक हाट-बाजार को अनिश्चितकाल तक बंद रखने का जो आदेश जारी किया है, उसके परिपालन की जिम्मेदारी अनुविभागीय अधिकारी, जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी, नगर पंचायत अधिकारी और मुख्य नगर पालिका अधिकारियों पर होगी। आदेश में स्पष्ट कहा गया है कि नियम का उल्लंघन होता पाए जाने पर संबंधित व्यक्ति के विरुद्ध, भारतीय दंड संहिता- 1860, महामारी अधिनियम- 1897 और आपदा प्रबंधन अधिनियम- 2005 के तहत कार्यवाही की जाएगी।
“संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए जिले के सभी साप्ताहिक हाट-बाजार को तत्काल प्रभाव से बंद किया जा रहा है। पलायन या भ्रमण के बाद लौट रहे व्यक्तियों से अपेक्षा है कि वे समझदारी दिखाते हुए कोरोना टेस्ट अवश्य करवाएं।”
सुनील कुमार जैन
कलेक्टर, बलौदाबाजार-भाटापारा
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