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BREAKING : छत्तीसगढ़ सहकारी सोसाइटी संशोधन विधेयक सदन में पारित, मंत्री ने विपक्ष के आरोपों के किया दरकिनार, कहा- सहकारिता को मजबूती देने का किया काम…


 बलौदाबाजार रायपुर। रायपुर। विधानसभा के मानसून सत्र के चौथे दिन सरकार की ओर से पेश छत्तीसगढ़ सहकारी सोसाइटी संशोधन विधेयक (2020) घंटेभर की बहस के बाद पारित हो गया. सहकारिता मंत्री प्रेम साय सिंह ने विपक्ष के आरोपों को नकारते हुए कहा कि यह संशोधन सहकारी क्षेत्र के जानकारों से बात की. जो काम कर रहे हैं उनसे सलाह ली गई. यह संशोधन सहकारी आंदोलन मजबूती देने के लिए है.

विधेयक पेश करते हुए कहा कि सहकारी नियमों को सरल किया है. पंजीकरण की अवधि को 90 दिन से घटाकर 45 दिन और सदस्यों की संख्या कम करते हुए 20 की बजाए 10 किया गया है. इसके अलावा अब संभाग स्तर पर अपील की जा सकेगी.

अजय चंद्राकर ने विधेयक पर आपत्ति जताते हुए कहा कि हस्तक्षेप होगा. आप विरोध करेंगे तो क्या करेंगे. को-आपरेटिव मध्यप्रदेश और गुजरात के हिसाब से सफल नहीं हो सका. ये 90 और 45 दिन का औचित्य था. जो सदस्य हैं, जितने अपात्र हैं, उन्हें पीछे दरवाजे से पात्र बनाने की कोशिश है. 6 माह में चुनाव का प्रावधान है. अब आपने अधिकार दे दिया रजिस्ट्रार को, वो चुनाव न कराए. अब ये बताइये कि सुनेगा कौन? कार्रवाई कौन करेगा. संशोधन न्यायालय, सहकारिता की मूल भावना और संविधान के खिलाफ है.

इस पर मंत्री ने कहा कि जो जैसा करता है, वैसा ही सोचता है. 20 परिवारों को 10 कर रहे हैं, इसमें क्या दिक्कत है. 90 दिन के पंजीयन के समय को 45 दिन कर रहे हैं, तो क्या दिक्कत है. आगे कई समितियां हैं जो काम करना चाहती हैं, लेकिन उनके पास पूंजी नहीं है. अब वो किसी प्राइवेट से पैसे लेकर काम कर सकती हैं. हम आरबीआई की गाइड लाइन का पालन कर रहे हैं.

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