कृषि उपज मंडी भी खुली.. आज रौनक मिलेगा अर्थ संकट से छुटकारा
15 दिन बाद खुली मंडी में आवक 15 हजार बोरा के आसपास
प्वाइंटर- अर्थ संकट से जूझ रहे किसानों को मिली राहत
भाटापारा- पखवाड़े भर तक लॉक रही कृषि उपज मंडी भी 7 अगस्त को अनलॉक हो गई। शहर ही नहीं 5 जिलों के किसानों को ऐसी मुसीबत की घड़ी में बड़ी राहत मिली है क्योंकि उन्हें इस समय तत्काल रासायनिक खाद के लिए पैसों की सख्त जरूरत है तो एक पखवाड़े से किए जा रहे मजदूरी का भी भुगतान करना है। यही वजह है कि अनलॉक होते ही रिकॉर्ड 15 हजार बोरा धान और दलहन तिलहन की आवक का होना दर्ज किया गया है।
शहर की कृषि उपज मंडी में 15 दिन से छाया सूनापन 7 जुलाई को उस वक्त टूटा जब सुबह 5 बजे से गाड़ियों, ट्रैक्टरों, मैजिक वह छोटी मालवाहक वाहनों की लाइन का लगना चालू हो गया।
जिला प्रशासन के निर्देशन के बाद एसडीएम एम एस राजपूत ने व्यवस्था की समीक्षा के बाद बिना विलंब किए मंडी संचालन के आदेश जारी किए।
इसके बाद मंडी और मंडी अभिकर्ताओं से होता हुआ यह आदेश गांव -गांव तक पहुंच गया। इस तरह समय रहते ना केवल बाजार की रौनक लौट आई बल्कि बाजार को जीवन देने वाली कृषि उपज मंडी में भी एक पखवाड़े से छाया सूनापन और सन्नाटा तोड़ने में मदद मिली।
लौटी रौनक
एक पखवाड़े तक मंडी का कोना कोना कृषि उपज के दानों के लिए तरसता रहा। दबाव के बीच सरकार ने जरूरतों पर भी ध्यान दिया। उद्योग धंधों की धीमी पड़ चुकी गति का फिर से लौटाया जाना भी जरूरी था इसलिए और दूसरे सभी कारोबार की सूची में कृषि उपज मंडियों को प्राथमिकता की सूची में सबसे पहले स्थान पर रखा और इसे भी तालों से मुक्त करने का फैसला लिया गया। इससे उन किसानों को सबसे ज्यादा राहत मिली है जिनको रकम की तत्काल जरूरत है।
मिलेगा अर्थ संकट से छुटकारा
ठीक रोपाई, बियासी के समय लॉक डाउन का लगना वैसे तो सभी वर्ग पर भारी रहा लेकिन यह किसानों पर कुछ ज्यादा ही संकट डाल गया। रोपाई के लिए मजदूरी का भुगतान की व्यवस्था तो किसी तरह कर ली गई लेकिन बियासी के काम के लिए पैसों की तंगी आने लगी। यह परेशानी तब और ज्यादा बड़ी जब रासायनिक खाद की खरीदी के लिए पैसे कम पड़ने लगे क्योंकि यूरिया की खरीदी के लिए अतिरिक्त रकम देने पड़ रहे थे । लेकिन सरकार के फैसले को जिस तेजी से प्रशासन ने अमल में लाया उससे किसानों मैं खुशी है कि अर्थ संकट से छुटकारा मिल सकेगा।
7 अगस्त को कृषि उपज मंडी के गेट खुलने के बाद जिस तरह गाड़ियों की लाइन लगी उसके बाद धीरे-धीरे जगह देखकर गाड़ियां खाली करवाई गई। बारिश की हल्की बूंदों के बीच कटाई, नीलामी, वजन ,भराई और सिलाई का काम एक साथ चालू किया गया ताकि मौसम से कृषि उपज को नुकसान ना हो। आखिरकार शाम ढलने के पहले चुस्त व्यवस्था के बीच यह काम भी पूरा कर लिया गया। अपरान्ह काम हल्का होने के बाद हुई गिनती में दलहन तिलहन और धान की आवक की मात्रा 15 हजार बोरा के आसपास रहने की खबर है।
अनलॉक की प्रक्रिया में कृषि उपज मंडी को भी शामिल किया जा चुका है। वहां खरीदी बिक्री की अनुमति दे दी गई है। व्यवस्था पर नजर रखी जा रही है।
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एम एस राजपूत, एसडीएम, भाटापारा
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