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मोटापे का आयुर्वेदिक उपचार: डॉ. अजय सक्‍सेना ने बताई मोटापा दूर करने वाली अचूक आयुर्वेदिक औषधि


हाल के अध्ययनों से पता चला है कि विश्व स्तर पर, 1.9 अरब से अधिक वयस्क ज्‍यादा वजन वाले हैं और 65 करोड़ लोग मोटे हैं। अधिक वजन या मोटे होने के कारण लगभग 28 करोड़ मौतें होती हैं। अस्वास्थ्यकर भोजन की आदतों, गतिहीन जीवन शैली, स्वास्थ्य देखभाल में कमी के कारण, विकासशील देशों को मोटापे और उनके प्रतिकूल परिणामों यानी डायबिटीज और हृदय रोग आदि के उच्च जोखिम का सामना करना पड़ रहा है।
2019 में, भारत में 13.5 करोड़ से अधिक व्यक्ति मोटापे से प्रभावित थे। भारत में मोटापे की व्यापकता उम्र, लिंग, भौगोलिक वातावरण, सामाजिक-आर्थिक स्थिति आदि के कारण भिन्न होती है। ICMR-INDIAB 2015 के अनुसार मोटापे और बैली फैट की व्यापकता अधिक है। भारत में, पेट का मोटापा हृदय रोग (CVD) के लिए प्रमुख जोखिम कारकों में से एक है।
विभिन्न अध्ययनों से पता चला है कि पुरुषों की तुलना में महिलाओं में मोटापे की समस्‍या अधिक थी। मोटापे की इस समस्या को मोटापे और इसके स्वास्थ्य परिणामों के बारे में सार्वजनिक जागरूकता फैलाने से रोका जा सकता है। सरकारी एजेंसियों को स्वस्थ जीवन शैली, भोजन की आदतों और शारीरिक गतिविधियों के लाभों को बढ़ावा देना चाहिए।
इसी क्रम में ओनली माई हेल्‍थ ने मोटापे की समस्‍या से निजात दिलाने का एक प्रयास किया है, जिसके तहत हमने आयुर्वेदिक चिकित्‍सक डॉक्‍टर अजय सक्‍सेना से मोटापे के प्रति जागरूकता बढ़ाने और इस समस्‍या से निजात पाने से जुड़े मुद्दों पर बात की है।
डॉक्‍टर अजय सक्‍सेना (बीएएमएस, एमडी-आयुर्वेद मेडिसिन) ने कहा, "आयुर्वेद में सर्वप्रथम जो चिकित्‍सा बताई गई है 
वह फास्टिंग है। हालांकि, लोगों में यह भ्रम है कि फास्टिंग से एनर्जी कम हो जाती है, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं है। अगर हम फास्टिंग को सही तरीके से करते हैं तो कमजोरी नहीं आती है। फास्टिंग करने का ये तरीका है कि, यदि हम अपने 3 मील (भोजन) में से एक मील को स्किप यानी छोड़ सकते हैं, या हम सिर्फ खिचड़ी का प्रयोग कर सकते हैं। या फलों के रस को पीकर रह सकते हैं।"
आयुर्वेद की नजर से मोटापे का कारण और उपचार के लिए औषधि मोटापे का मुख्‍य कारण अम्‍ल का होना है, और अम्‍ल को हटाने के लिए हमें अम्‍ल पाचक औषधियों का प्रयोग करना चाहिए। इसके लिए कुछ औषधियां निम्‍नलिखित हैं:

1: त्रिकटु, त्रिफला, हिंग्‍वाष्‍टक चूर्ण और अविपत्तिकर चूर्ण।

2: आयुर्वेद में अम्‍ल पाचन के लिए जो सबसे अचूक औषधि बताई गई है, वह गुनगुना पानी है। हमें गुनगुने पानी का सेवन जरूर करना चाहिए।

3: इसके अलावा ग्रीन कॉफी को हम दिन में दो बार पी सकते हैं। अगर ये उपलब्‍ध न हो तो मार्केट में ग्रीन कॉफी एक्‍सट्रैक्‍ट कैप्‍सूल्‍स मिलते हैं, जिन्‍हें आप ले सकते हैं। आप एक-एक कैप्‍सूल दिन में दो बार ले सकते हैं।

4: अम्‍ल को हटाने के लिए गार्सिनिया का भी प्रयोग कर सकते हैं, इसके भी कैप्‍सूल मार्केट में उपलब्‍ध हैं, जिसे एक-एक कैप्‍सूल दिन में दो बार ले सकते हैं।

5: त्रिफला के क्‍वाथ का प्रयोग भी अम्‍ल नाशक होता है। इसके लिए हमें एक पात्र में 250 एमएल जल लेना है, उसमें 20 ग्राम त्रिफला चूर्ण डालकर उबालना है, जब पानी 60 एमएल तक हो जाए तो उसे छानकर ठंडा कर लेना है। इसके बाद पानी में 20 ग्राम शहद डालना है। इसे दो बार भोजन से पहले लेना है।

6: इसके अलावा हमें एक योग और बनाना है, जिसमें अलसी का पाउडर, जीरे का पाउडर और आजवाइन का पाउडर 3:3:2 के अनुपात में लेना है, इससे जो चूर्ण बनेगा उसे सुबह-शाम गुनगुने पानी से या शहद के साथ लेना है।

7: एक और चूर्ण है, जिसे अम्‍ल नाशक और मोटापे को कम करने के लिए प्रयोग करते हैं। इसमें कुटकी, चित्रक और शिलाजीत का प्रयोग करते हैं। इसे 3:3:2 के अनुपात में मिश्रण करते हैं और इसमें 5 गुना पुनर्नवा का प्रयोग करते हैं। इस चूर्ण को सुबह-शाम आधा चम्‍मच खाना खाने से पहले शहद के साथ या गुनगुने पानी के साथ प्रयोग कर सकते हैं।

मोटापे में क्‍या करें ?

मोटापे में हमें लघु, सुपाच्‍य और फाइबरयुक्‍त (रेसेदार खाद्य पदार्थ) आहार लेने चाहिए।

मोटापे में एक दिनचर्या बनाएं, जिसमें योग, व्‍यायाम, मेडिटेशन करने के साथ अपने व्‍यवहार में परिवर्तन लाना चाहिए।

सुबह नाश्‍ता, दोपहर का खाना और रात का खाना जरूर खाएं। कोशिश करें कि डिनर 8 बजे से पहले करें।

हमें अपने आहार में बटर मिल्‍क, गुनगुना पानी का प्रयोग करना है। 30 मिनट ब्रिक्‍स वॉक (तेज चलना) जरूर करना चाहिए।

मोटापे में क्‍या नहीं करना है

अगर आप मोटापे से दूर रहना चाहते हैं तो शराब, धूम्रपान और मांसाहार का प्रयोग नहीं करना चाहिए। इसके अलावा ऑयली, स्‍पाइसी, डिब्‍बाबंद, बासी खाना और फास्‍टफूड का प्रयोग नहीं करना चाहिए। आहार में अत्‍यधिक नमक के प्रयोग से बचें। नमक के तौर पर सेंधा नमक का प्रयोग कर सकते हैं।

निष्‍कर्ष: 
आयुर्वेद में मोटापे से बचने के उपाय बताए गए हैं, इसके अलावा पथ्‍य और अपथ्‍य भी बताए गए हैं। अगर हम इनका सही तरीके से पालन करते हैं तो हम मोटापे से निजात पा सकते हैं और इससे बचा भी जा सकता है।

कलम से ......
डॉ अजय सक्‍सेना, बीएएमएस, एमडी, आयुर्वेद मेडिसिन।



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