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अप्रत्यक्ष प्रणाली से न कर सीधे जनता द्वारा कराया जाए जनप्रतिनिधियों के विचार

सरपंच पद का चुनाव पंचों के द्वारा न कराके पहले की तरह जनता द्वारा ही प्रत्यक्ष करायें ।।
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                ग्राम पंचायत के सरपंच का चुनाव पहले के ही तरह प्रत्यक्ष प्रणाली अर्थात सीधे जनता द्वारा करायें। यदि यह चुनाव अप्रत्यक्ष अर्थात पंचों के द्वारा होगा तो कई तरह की समस्या सामने होगी....*

1. जनता का अधिकार उससे छीन जायेगा, जिससे जनता ठगा हुआ महसूस करेंगे।

2. सरपंच ग्राम के जनता और विरोधी पंचों को ज्यादा महत्व ना देकर केवल अपने समर्थक पंचों को ही महत्व देंगे और अपनी मनमानी करेंगे।

3 पंचों द्वारा सरपंच का चुनाव होने से खरीद-फरोख्त और भ्रष्टाचार काफी बढ़ेगा जो पैसा वाला होगा वही सरपंच बनेगा और गरीब व्यक्ति इस पद में कभी नहीं आ पायेगा।

4. नगरीय निकायों का चुनाव विधानसभा और लोकसभा की तरह राजनैतिक दल लड़ती है इसलिये वहाँ किसे अध्यक्ष बनाना है यह पार्टी के हाथों में होगी। जिसे पार्टी चयन करेगी पार्टी के सभी पार्षद उसका समर्थन करेगा। किन्तु ग्राम पंचायत का चुनाव कोई राजनैतिक पार्टी नही लड़ती बल्कि स्वतंत्र प्रत्याशी लड़ते हैं ऐसी स्थिति में राजनैतिक दल का भी दबाव नहीं रहेगा और केवल पैसे का बोलबाला होगा तथा निर्वाचित पंच-सरपंच अपनी मनमानी करेंगे।इस पद्धति से जनता के पसंद एवं योग्य ब्यक्ति का चुनाव न होकर पंचो के पसंद व बहुमत के आधार पर अयोग्य ब्यक्ति का चुनाव भी हो सकता है जिसे जनता नापसंद करती हों।

5  पंचो के द्वारा सरपंच चुने जाने पर सरपंच का कार्यकाल अस्थिर रहेगा ।क्योंकि जब कभी पंचों के द्वारा अविश्वास प्रस्ताव लाकर उन्हें पद से हटाया जा सकता है।

  अतः आपसे विनम्र आग्रह है कि सरपंच पद का चुनाव पंचों से न कराके सीधे जनता से ही करायें।
             
अगर आप मेरे विचार से सहमत हों तो अधिक से अधिक शेयर करके शासन तक इस निवेदन को पहुंचाने में सहयोग प्रदान करें।


आप सभी से सादर अनुरोध कि ........ इस ब्लॉग को अपने परिचित के लोगो तक व रिश्तेदारों को शेयर अवश्य करें ।।  

आपका अपना .......
                    नरेंद्र वैष्णव 
         

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