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कुछ ऐसा है वल्लभ भाई पटेल के सरदार बनने का सफर, जानिए कुछ बातें

वल्लभभाई जो सरदार पटेल के नाम से लोकप्रिय थे, एक भारतीय राजनीतिज्ञ थे। उन्होंने भारत के पहले उप-प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया। 

जन्म: 31 अक्तूबर 1875,

मृत्यु: 15 दिसंबर 1950, 


पुरस्कार  भारत रत्‍न







देश के पहले उप-प्रधानमंत्री और गृह मंत्री थे. देश को एकजुट करने वाले पटेज की जयंती पर 31 अक्टूबर राष्ट्रीय एकता दिवस मनाया जाता है

सरदार वल्लभ भाई ने 565 रियासतों का विलय कर भारत को एक राष्ट्र बनाया था. यही कारण है कि वल्लभ भाई पटेल की जयंती के मौके पर राष्ट्रीय एकता दिवस (National Unity Day 2019) मनाया जाता है. पहली बार राष्ट्रीय एकता दिवस 2014 में मनाया गया था. बता दें कि भारत का जो नक्शा ब्रिटिश शासन में खींचा गया था, उसकी 40 प्रतिशत भूमि इन देशी रियासतों के पास थी. आजादी के बाद इन रियासतों को भारत या पाकिस्तान में विलय या फिर स्वतंत्र रहने का विकल्प दिया गया था. सरदार पटेल (Sardar Vallabhbhai) ने अपनी दूरदर्शिता, चतुराई और डिप्लोमेसी की बदौलत इन रियासतों का भारत में विलय करवाया था.

स्वतंत्रता आंदोलन में भागीदारी :
 सरदार पटेल ने माहात्मा गांधी से प्रेरित होकर स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लिया था। सरदार पटेल द्वारा इस लड़ाई में अपना पहला योगदान खेड़ा संघर्ष में दिया गया, जब खेड़ा क्षेत्र सूखे की चपेट में था और वहां के किसानों ने अंग्रेज सरकार से कर में छूट देने की मांग की। जब अंग्रेज सरकार ने इस मांग को स्वीकार नहीं किया, तो सरदार पटेल, महात्मा गांधी और अन्य लोगों ने किसानों का नेतृत्व किया और उन्हें कर न देने के लिए प्ररित किया। अंत में सरकार को झुकना पड़ा और किसानों को कर में राहत दे दी गई।



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