दोस्ती का रिश्ता सबसे खास होता हैं. मित्रता जीवन का अभिन्न अंग हैं बिना मित्र के जीवन अधुरा हैं. हर एक मोड़ पर कुछ खास साथी मिलते हैं, जो दिल में जगह बना लेते हैं और बिना किसी चाह के हमारी जिन्दगी से जुड़ जाते हैं. दोस्ती आसानी से हो तो जाती हैं लेकिन एक सच्चा दोस्त बार- बार नहीं मिलता. इसलिये अपने उस खास दोस्त को फ्रेंडशिप डे की बधाई देना ना भूले. क्योकि फ्रेंडशिप डे का महत्व बहुत होता है.
फ्रेंडशिप डे का इतिहास (History Of Friendship Day)
फ्रेंडशिप डे की शुरुवात 1935 में की गई थी. वो वर्ल्ड वार का समय था. उस वक्त जरूरत थी, दोस्ती की भावना सभी के भीतर वापस पनपने की. फिर से लोग एक दुसरे पर भरोसा कर सके. एक देश दुसरे देश से जुड़ सके. इसी कारण US कांग्रेस ने एक दिन को फ्रेंडशिप डे के रूप में मनाना निश्चित किया
छत्तीसगढ़ में मित्र बनाने और मित्रता निभाने की एक लंबी सांस्कृतिक परम्परा रही है.
छत्तीसगढ़ की यह परंपरागत मित्रता ऐसी होती है कि इसके आगे ख़ून के रिश्ते फीके पड़ जाएँ.
मित्र बनाने की इस परम्परा में ना उम्र का बंधन है, ना ही जाति या वर्ण का.
एक बार मित्र बन गए तो जीवन भर उस मित्रता का निर्वाह सगे रिश्ते-नातों से कहीं बढ़कर किया जाता है.
मित्र बनाने की इस परम्परा को
छत्तीसगढ़ में मितान या मितानिन 'बदना' कहते हैं.
मितान बनाने के लिए आदान प्रदान की जाने वाली चीज़ के आधार पर
इनके नाम भी हैं- भोजली मितान
दौनापान
गंगाजल
सखी
महाप्रसाद
गोदना
गजामूंग
दो पुरुष आपस मे मितान होते हैं
दो महिलाएं आपस मे मितानिन होते है
छत्तीसगढ़ में एक दूसरे को भोजली को कानों में लगा कर भोजली मितान बनाने की प्रथा चलन में ज़्यादा है.
एक बार आपस में मित्र बन गए तो यह मित्रता आजीवन बरक़रार रहती है और आने वाली पीढ़ियों में भी उस मित्रता का निर्वाह किया जाता है.
मितान यानी हर सुख-दुख का साथी ।
- एक सच्चे मित्र को गलतफहमी के चलते कभी दूर ना जाने दे यह कोहिनूर खो देने के बराबर हैं.
- आज के समय में मित्र कपड़ो की तरह बदलते हैं.
- दोस्ती इत्फाकन हो जाती हैं लेकिन इत्फाकन निभाई नहीं जाती.
- बिना दोस्तों ने बड़ा बैंक बैलेंस भी अधुरा सा लगता हैं.
- सच्ची दोस्ती ही अमीर बनाती हैं.
- दोस्त अर्जी देने से पहले मर्जी जान जाते हैं.
- रुआंस दिल जिससे बात करके शांत हो जाता हैं वही सच्चा दोस्त कहलाता हैं.
इतिहास हो या आज का समय दोस्ती सदैव रही हैं.दोस्ती के सबसे अच्छे उदहारण पौराणिक कथाओं में मिलते हैं.
- कृष्ण और सुदामा की दोस्ती
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