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गुरु पूर्णिमा: गुरुवर तेरे चरणों में ज्ञान का सागर है












गुरु का आसन सबसे ऊंचा है, ईश्वर से भी। क्योंकि, इन्हीं के द्वारा दिये ज्ञान से हम ईश्वर तक का साक्षात्कार कर सकते हैं। बिना गुरु के गोविंद को हम जान ही नहीं पाते। हम आज अगर चांद तक को लांघ चुके हैं तो यह सब उसी ज्ञान की वजह से मुमकिन हो पाया है, जो गुरु ने हमें दिया है। गुरु के चरणों में ज्ञान का सागर है। मंगलवार को गुरु पूर्णिमा है। शहर में शिष्यों ने अपने गुरु को खुश करने के लिए कई आयोजनों की तैयारी कर रखी है।। आपको बता दें कि ऐसे तो भारत अनादिकाल से ही ऋषि-मुनियों की भूमि रही है और उनकी पूजा-अर्चना भी होती रहती है। पर हमारी भारतीय संस्कृति मेें जिस प्रकार से प्रत्येक काम का कोई न कोई महत्वपूर्ण दिन निर्धारित हुआ है, उसी प्रकार गुरु पूजन की परंपरा को भी एक महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है, जिसे व्यास पूर्णिमा या आषाढ़ी पूर्णिमा के नाम भी जाना जाता है। गुरु पूर्णिमा को महार्षि वेद व्यास जी के जन्मदिन के अवसर पर मनाया जाता है। ये वही मुनि श्रेष्ठ हैं, जिन्होंने चारों वेदों का विभाग किया, अठारह पुराणों की रचना की और श्रीमद भागवत की रचना की। इसबार आषाढ़ी पूर्णिमा के दिन गुरु पूर्णिमा तथा चंद्र ग्रहण भी है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार 159 वर्षों के बाद ऐसा दुर्लभ संयोग बन रहा है।

गुरु पूर्णिमा 2019: आज शाम 4:30 बजे तक कर लें पूजा, फिर लग जाएगा सूतक






मंत्र -
'ॐ वेदादि गुरुदेवाय विद्महे, परम गुरुवे धीमहि, तन्नौ: गुरु: प्रचोदयात्।।'
हे गुरुदेव! मैं आपका आह्वान करता हूं।


 
गुरु पूर्णिमा के दिन लग रहा है चंद्र ग्रहण, राशियों के मुताबिक देखें कैसे मिल सकता है लाभ


इस बार चंद्रग्रहण 16 जुलाई को लगेगा। मंगलवार के दिन चंद्रग्रहण का कई राशियों पर प्रभाव पड़ेगा। इस दौरान लोग कुछ सरल उपायों को करके लाभ प्राप्त कर सकते हैं। अहम बात यह है कि लगातार दूसरे साल गुरु पूर्णिमा के दिन चंद्रग्रहण लग रहा है। पिछले साल 27 जुलाई को 3 घंटे 51 मिनट के लिए यह ग्रहण लगा था। इस बार इसकी अवधि 2 घंटे 59 मिनट है।


चंद्र ग्रहण पूरे भारत में रात 1 बजकर 31 मिनट से दिखेगा। यह 4 बजकर 30 मिनट पर खत्म होगा। गुरु पूर्णिमा और चंद्रग्रहण एक साथ होने की वजह से गुरु पूजा भी सूतक लगने से पहले कर लेना ठीक होगा। सूतक दिन में 4 बजकर 31 मिनट पर शुरू हो जाएगा।


कुछ इस तरह ले सकते हैं लाभ -
मेष राशि वालों को ग्रहण के बाद गुड़ और दाल का दान करना चाहिए।
वृषभ राशि के लोग मंदिर में दही, चीनी दान कर सकते हैं। इससे घर में सुख और शांति आएगी।
मिथुन राशि के जातक गाय को पालक खिलाएं।
कर्क राशि वाले शिवलिंग पर दूध चढ़ा सकते हैं। उन पर भगवान शंकर की कृपा बरसेगी।
सिंह राशि के लोग तांबे की वस्तु या केसरिया वस्त्र मंदिर में चढ़ाएं।
कन्या राशि वाले हरी चूड़ियां किसी कन्या या किन्नर को दें।
तुला राशि के जातक अगरबत्तियां मंदिर में दान कर सकते हैं। भगवान की कृपा घर और परिवार पर बनी रहेगी।
वृश्चिक राशि वालों को हनुमान जी के मंदिर में घी दान करना चाहिए।
धनु राशि के जातक चने की दाल मंदिर में पंडित जी को दें, अन्न देवता की कृपा बनी रहेगी।
मकर राशि के लोग काले तिल का दान करें।
कुंभ राशि के लोग कहीं जल में कोयला चढ़ाएं। इससे दुष्मनों से बचाव होगा।
मीन राशि के जातक गरीब बच्चों को फल दान करें।


धन्यवाद ।।।


आपकी सेवा में .........नरेंद्र वैष्णव







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